
हापुड-पिलखुवा विकास प्राधिकरण की अवैध उगाही के चलते निर्माण - सूत्र
विकास प्राधिकरण की मेहरबानी से खुलेआम हो रहे अवैध निर्माण - सूत्र
50 हजार रुपये प्रति दुकान की मेहरबानी से हुआ दुकानों का निर्माण - सूत्र
बिना नक्शा और बिना किसी अनुमति पत्र के सड़क जाम कर हुआ निर्माण - सूत्र
हापुड़ : (लोकेशबंसल) हापुड - पिलखुआ विकास प्राधिकरण के इंजीनियर लगातार अपनी अवैध वसूली के चलते सरकार को चूना लगाते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला जनपद हापुड़ के जवाहर गंज रेलवे रोड पर आज देखने को मिला जहां सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि हापुड - पिलखुआ विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों द्वारा बिना नक्शा पास कराए 50 हजार रूपये प्रति दुकान की अवैध उगाही लेकर 4 दुकानों को बनाए जाने की इजाजत दे दी गई, तो वही दुकान स्वामी द्वारा भी इन इंजीनियरों के आशीर्वाद पर छुट्टी के दिन अवैध निर्माण को पूरी तरह मूर्त रूप दे दिया गया। दुकान स्वामी द्वारा जवाहरगंज की गलियों को बल्लियों के सहारे बंद कर दुकानों पर खुलेआम लेंटर डाल दिए गए। सर्वप्रथम तो जनता से जुड़ी प्रत्येक गलियों को जहां से जनता का लगातार निकलना होता है बिना परमिशन बंद नहीं किया जाता परंतु इंजीनियरों की मेहरबानी के चलते इन दुकान के निर्माणकर्ताओ पर किसी भी परमिशन का कोई असर दिखाई नहीं देता।
इस भवन के संबंध में आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 में एक व्यवस्था है कि अनाधिकृत रूप से किसी भी भूमि का निर्माण नहीं किया जा सकता वह चाहे भवन हो या फिर व्यवसाई स्थान। परंतु नगर कोतवाली क्षेत्र के हापुड़- पिलखुआ विकास प्राधिकरण के अंतर्गत पडने वाले जवाहर गंज में सूत्रों के अनुसार कुछ समय पूर्व एक भवन के बिकने के बाद इस भवन को अवैध रूप से जहां पांच भागों में विभाजित कर दिया गया तो वही अवैध रूप से विभाजित इस भूखंड पर अवैध होने के चलते जहां विकास प्राधिकरण अनुमति देने के लिए अधिकृत नहीं है तो वही इस अवैध ढंग से विभाजित भूखंड का निर्माण अवैध उगाही के चलते होता हुआ दिखाई दे रहा है।
इसके लिए जनता के मन में किसी भी भवन को बनाने से पूर्व विकास प्राधिकरण की अनुमति के लिए यह किस प्रकार का रवैया है बड़ा ही विचित्र सवाल उठता दिखाई दे रहा है।
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