
परिवहन निगम कार्यशाला में चालकों, परिचालकों को मिशन शक्ति के तहत किया जागरूक
परिवहन निगम कार्यशाला में चालकों, परिचालकों को मिशन शक्ति के तहत किया जागरूक
मण्डल प्रभारी खलील अहमद के साथ सूचना विभाग की रिपोर्ट
अलीगढ़ : प्रदेश में महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन के लिए 08 मार्च तक संचालित ‘‘मिशन शक्ति’’ विशेष अभियान के अन्तर्गत शुक्रवार को परिवहन निगम कार्यशाला में चालकों, परिचालकों को जागृत करने के लिये कैम्प का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अमिताभ चतुर्वेदी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन), योगेन्द्र पाल सिंह, सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक बुद्ध विहार, वी0के0 शुक्ला, सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक, अलीगढ़ डिपो, मौ0 परवेज खान, क्षेत्रीय प्रबन्धक शामिल रहे।
योगेन्द्र पाल सिंह, सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक ने बताया कि महिला यात्रियों को बसों में सफर करने के दौरान उनके सम्मान के लिए अधिकार दिये गए हैं, हमें उनके प्रति आदर व सम्मान का भाव रखना चाहिए। कैम्प में उपस्थित महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में भी जानकारी दी गयी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ किसी भी तरह का दुव्र्यवहार होने पर ड्राईवर और कंडक्टर मना करें और जरूरत पड़ने पर महिला सहायता कक्ष, पुलिस सहायता कक्ष पर फोन करें।
वी0के0 शुक्ला, सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक ने बताया गया कि महिलाओं के लिये आरक्षित सीट पर यदि पुरूष यात्री बैठे हैं तो उसे चालक, परिचालक खाली करायें और महिला को बैठने दें। यदि बस में कोई महिला यात्री खड़ी होकर यात्रा कर रही हो तो अन्य पुरूष यात्रियों से अनुरोध करके सीट खाली कराकर ऐसी महिलाओं को बैठने के लिए उपलब्ध करायें।
मौ0 परवेज खान, क्षेत्रीय प्रबन्धक ने बताया गया कि रात के समय अकेली महिला यात्री होने पर उसे अकेले सुनसान जगह पर ना उतारें, जहाँ पर यात्री स्टैण्ड हो और यात्री खड़े हो वहीं पर उतारें और जरूरत पड़ने पर उन्हें हेल्पलाइन पर फोन करने की सलाह दें। वाहन चलाते समय किसी भी घटना की रिपोर्टिंग के लिए चालक को मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं करना चाहिए, बस को सुरक्षित रूप से पार्क करने के बाद सम्बन्धित अधिकारियों को सूचित करना चाहिए।
अमिताभ चतुर्वेदी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) ने कहा कि - ‘‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देतवाः, अर्थात जहाँ स्त्रियों की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं और जहाँ स्त्रियों की पूजा नहीं होती है, उनका सम्मान नहीं होता है, वहाँ किये गये समस्त अच्छे कर्म भी निष्फल हो जाते हैं। अतः हमें महिलाओं के प्रति आदर भाव रखते हुये उन्हें यथोचित सम्मान अवश्य देना चाहिए। विशेषकर महिला यात्रियों को यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार का कोई भी कष्ट न हो, इसका सदैव ध्यान रखना चाहिए।
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