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पंचायती चुनाव और होली के पर्व को ध्यान में रख आबकारी विभाग के निशाने पर शराब माफिया

पंचायती चुनाव और होली के पर्व को ध्यान में रख आबकारी विभाग के निशाने पर शराब माफिया

*पंचायती चुनाव और होली के पर्व को ध्यान में रख आबकारी विभाग के निशाने पर शराब माफिया

*125 लीटर कच्ची शराब बरामद कर करीब 6500 कि0ग्रा0 लहन किया नष्ट: राकेश कुमार सिंह* 

*आबकारी विभाग भी शराब माफिया की कमर तोडऩे के लिए कमर कस चुका है* 

गाजियाबाद। जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एवं होली पर्व को लेकर जिला आबकारी विभाग द्वारा सघन अभियान चलाया जा रहा है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और  होली  पुलिस-प्रशासन के सामने भी बड़ी चुनौती रहेगी। 

मगर इसबार आबकारी विभाग ने भी पंचायत चुनाव की आहट और होली पर्व को लेकर जिले के 99 शराब तस्करों की कुंडली खोल दी है। 
शराब तस्करों और देसी शराब का अड्डा चलाने वालों का नेटवर्क ध्वस्त करने के लिए संचालकों और उनके स्वजन के मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगवा दिए गए हैं। 

*जिलाधिकारी डॉ: अजय शंकर पाण्डेय के सख्त आदेश पर जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देशन मेंं आज   सुबह आबकारी निरीक्षक सीलम मिश्रा सेक्टर-3, आबकारी निरीक्षक आशीष पांडेय सेक्टर-4, व *आबकारी निरीक्षक विवेक दुबे* प्रवर्तन मेरठ की संयुक्त टीम ने अवैध शराब पर अकुंश लगाने के लिए मुखबिर की सूचना पर लोनी स्थित भनेड़ा, महमूदपुर, मथुरापुर तथा भूपखेड़ी में छापेमारी की कार्रवाई करते हुए गांव में हिंडन नदी खादर के पास से भट्टी चलाकर बनाई जा रही 125 लीटर कच्ची शराब बरामद कर करीब 6500 कि0ग्रा0 तैयार लहन को मौके पर नष्ट किया। 

*आबकारी निरीक्षक सेक्टर-3 सीलम मिश्रा* ने बताया कि अगामी त्रिस्तरीय चुनाव व होली पर्व को लेकर प्रत्याशी शराब माफिया की मिलीभगत से वोटरों को लुभाने के लिए अवैध शराब को सप्लाई करने के इरादे से मथुरापुर तथा भूपखेड़ी में जहरीली शराब बना रहे थे। टीम को देख तस्कर नदी की ओर भाग गए। ग्रामीणों से अवैध शराब के धंधे में लगे लोगों की जानकारी देंने की अपील की गई। 
उन्होने बताया कच्ची शराब तोडऩे वालों के बारे में पुलिस व आबकारी विभाग को खबर करें। पंचायत चुनाव व होली को लेकर सतर्कता बरतें। आगामी दिनों में पंचायत चुनाव होने हैं। मार्च माह में होली का त्योहार भी है। ऐसे में शरारती तत्व माहौल खराब करने की कोशिश कर सकते हैं। 
ऐसे लोगों पर नजर रखनी होगी। चुनाव के दौरान अवैध शराब का प्रयोग बढऩे की आशंका है। शराब के बदले वोट बेचने से ईमानदार प्रतिनिधि चुने जाने की उम्मीद धूमिल होती है। 
लोग नशे में नहीं बल्कि होश में वोट डाले। शराब माफिया के खिलाफ आबकारी विभाग छापेमारी की कार्वाही की जा रही है। और यह आगे भी जारी रहेगी।

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