चंद्रशेखर रावण की पार्टी ने मुजफ्फरनगर में रचा इतिहास बदल डाले सारे समीकरण
चंद्रशेखर रावण की पार्टी ने मुजफ्फरनगर में रचा इतिहास बदल डाले सारे समीकरण
हापुड़ न्यूज़ संवाददाता रिजवान अहमद
मुजफ्फरनगर । जिले में भाजपा के बाद आजाद समाज पार्टी ताकत के रूप में उभरी है। आजाद समाज पार्टी ने सपा, बसपा और रालोद से ज्यादा सीटें जीत राजनीतिक गलियारे में एक मजबूत स्थान बना लिया है। बसपा के लिए सबसे बड़ी चिंता खड़ी हो गई है। जिस तरह युवाओं में चंद्रशेखर का खुमार चढ़ता जा रहा है, इससे आने वाले समय में आजाद समाज पार्टी को मजबूत होने से नहीं रोका जा सकता बसपा जिले में केवल तीन ही सीटों पर जीत दर्ज करा पाई है और आजाद समाज पार्टी ने छह सीटें जीतकर अपनी ताकत का अहसास करा दिया है। बड़ी बात यह है कि रालोद और सपा भी आजाद समाज पार्टी से पीछे हैं। आजाद समाज पार्टी के जो समर्थित प्रत्याशी जीते हैं, उनमें वार्ड एक से सुरेशना ने जीत दर्ज की है। वार्ड पांच से तहसीन चुनाव जीती हैं। वार्ड 12 से अमरकांत चीकू चुनाव जीते हैं। वार्ड 28 से मुनीजा, वार्ड 35 से शीबा और वार्ड 36 से फरहाना चुनाव जीती हैं। इनमें बड़ी बात यह है कि छह में से पांच महिला हैं। एक एससी, एक जाट और चार मुस्लिम हैं।
इन वार्डों में भीम आर्मी से जुड़े एससी युवाओं का रुझान आजाद समाज पार्टी की ओर रहा। हर वार्ड में एक हजार से तीन हजार तक एससी वोट प्रभावित हुए, जिन्होंने हारजीत के समीकरण बदल दिए
जिले में भाजपा के बाद आजाद समाज पार्टी ताकत के रूप में उभरी है। आजाद समाज पार्टी ने सपा, बसपा और रालोद से ज्यादा सीटें जीत राजनीतिक गलियारे में एक मजबूत स्थान बना लिया है। बसपा के लिए सबसे बड़ी चिंता खड़ी हो गई है। जिस तरह युवाओं में चंद्रशेखर का खुमार चढ़ता जा रहा है, इससे आने वाले समय में आजाद समाज पार्टी को मजबूत होने से नहीं रोका जा सकता बसपा जिले में केवल तीन ही सीटों पर जीत दर्ज करा पाई है।
और आजाद समाज पार्टी ने छह सीटें जीतकर अपनी ताकत का अहसास करा दिया है। बड़ी बात यह है कि रालोद और सपा भी आजाद समाज पार्टी से पीछे हैं। आजाद समाज पार्टी के जो समर्थित प्रत्याशी जीते हैं, उनमें वार्ड एक से सुरेशना ने जीत दर्ज की है। वार्ड पांच से तहसीन चुनाव जीती हैं। वार्ड 12 से अमरकांत चीकू चुनाव जीते हैं। वार्ड 28 से मुनीजा, वार्ड 35 से शीबा और वार्ड 36 से फरहाना चुनाव जीती हैं। इनमें बड़ी बात यह है कि छह में से पांच महिला हैं। एक एससी, एक जाट और चार मुस्लिम हैं।
इन वार्डों में भीम आर्मी से जुड़े एससी युवाओं का रुझान आजाद समाज पार्टी की ओर रहा। हर वार्ड में एक हजार से तीन हजार तक एससी वोट प्रभावित हुए, जिन्होंने हारजीत के समीकरण बदल दिए।
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