
Hapur News - वन विभाग के सहयोग से आनंदा डेयरी ने पौधे लगाकर दिया पर्यावरण बचाने का संदेश
वन विभाग के सहयोग से आनंदा डेयरी ने पौधे लगाकर दिया पर्यावरण बचाने का संदेश
बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने के लिए वृक्षारोपण हमारी नैतिक जिम्मेदारी है : राधेश्याम दीक्षित
नई दिल्ली : विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनैतिक और सामाजिक जागृति लाने के उद्देश्य से प्रथम पर्यावरण दिवस कार्यक्रम के आयोजन के साथ 5 जून 1974 को की थी। तब से लगातार 5 जून को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आज आनन्दा डेयरी द्वारा उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के पिलखुवा के ग्रामीण क्षेत्र के खैरपुर खैराबाद में संचालित दुग्ध अवशीतन केन्द्र पर पर्यावरण दिवस कार्यक्रम का शुभारम्भ डेयरी के डायरेक्टर राहुल दीक्षित द्वारा पौधरोपण के साथ की गई।
कम्पनी के चेयरमैन राधे श्याम दीक्षित ने कहा कि पर्यावरण पर बड़ी-बड़ी बातें करने से पहले हमें कुछ आदतें अपनाकर उनका पालन कर करना होगा, क्योंकि स्थितियां बदलने की सबसे अच्छी शुरुआत स्वयं से होती है। उन्होंने आगे ये भी कहा कि की पेड़-पौधे जीवंत शक्ति से भरपूर प्रकृति के ऐसे अनुपम उपहार हैं जो सभी को प्राणवायु ऑक्सीजन तो देते ही हैं,पर्यावरण को भी शुद्ध और संतुलित रखते हैं। इतना ही नहीं वास्तुदोष निवारण में,बीमारियों को ठीक करने में एवं उत्तम स्वास्थ्य संरक्षण में वृक्ष-वनस्पतियों का योगदान सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता हैं। स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने के लिए वृक्षारोपण हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, इन्हें लगाना हमारे लिए हर हाल में लाभकारी हैं। पेड़ों द्वारा बनाने वाली ऑक्सीजन के कारण ही हम ज़िंदा रहते हैं। भारत में इस समय कोरोना महामारी का कहर जारी है। ऑक्सीजन की कमी कई मरीजों की मौत की वजह बन रही है। ऐसे हालातों में सभी को ये बात समझनी चाहिए कि पर्यावरण का संरक्षण ही हमारे जीवन का सुरक्षा कवच है। पर्यावरण दिवस के मौके पर हमें पर्यावरण की सुरक्षा और अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का संकल्प लेना चाहिए और आनंदा परिवार इसके लिये वचनबद्ध है। घर के आसपास पौधारोपण करें। इससे आप गरमी, भूक्षरण, धूल इत्यादि से बचाव तो कर ही सकते हैं, पक्षियों को बसेरा भी दे सकते हैं, फूल वाले पौधों से आप अनेक कीट-पतंगों को आश्रय व भोजन दे सकते हैं।
बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने के लिए वृक्षारोपण हमारी नैतिक जिम्मेदारी है : राधेश्याम दीक्षित
नई दिल्ली : विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनैतिक और सामाजिक जागृति लाने के उद्देश्य से प्रथम पर्यावरण दिवस कार्यक्रम के आयोजन के साथ 5 जून 1974 को की थी। तब से लगातार 5 जून को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आज आनन्दा डेयरी द्वारा उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के पिलखुवा के ग्रामीण क्षेत्र के खैरपुर खैराबाद में संचालित दुग्ध अवशीतन केन्द्र पर पर्यावरण दिवस कार्यक्रम का शुभारम्भ डेयरी के डायरेक्टर राहुल दीक्षित द्वारा पौधरोपण के साथ की गई।
कार्यक्रम के दौरान वन विभाग के सहयोग से जगह जगह 5000 पौधे से भी अधिक पौधे गॉवो तक पहुँचाकर वृक्षारोपण कर ग्रामीणों को जागरूक करते हुए पर्यावरण को बचाने का संकल्प दिलाया गया।
कम्पनी के चेयरमैन राधे श्याम दीक्षित ने कहा कि पर्यावरण पर बड़ी-बड़ी बातें करने से पहले हमें कुछ आदतें अपनाकर उनका पालन कर करना होगा, क्योंकि स्थितियां बदलने की सबसे अच्छी शुरुआत स्वयं से होती है। उन्होंने आगे ये भी कहा कि की पेड़-पौधे जीवंत शक्ति से भरपूर प्रकृति के ऐसे अनुपम उपहार हैं जो सभी को प्राणवायु ऑक्सीजन तो देते ही हैं,पर्यावरण को भी शुद्ध और संतुलित रखते हैं। इतना ही नहीं वास्तुदोष निवारण में,बीमारियों को ठीक करने में एवं उत्तम स्वास्थ्य संरक्षण में वृक्ष-वनस्पतियों का योगदान सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता हैं। स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने के लिए वृक्षारोपण हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, इन्हें लगाना हमारे लिए हर हाल में लाभकारी हैं। पेड़ों द्वारा बनाने वाली ऑक्सीजन के कारण ही हम ज़िंदा रहते हैं। भारत में इस समय कोरोना महामारी का कहर जारी है। ऑक्सीजन की कमी कई मरीजों की मौत की वजह बन रही है। ऐसे हालातों में सभी को ये बात समझनी चाहिए कि पर्यावरण का संरक्षण ही हमारे जीवन का सुरक्षा कवच है। पर्यावरण दिवस के मौके पर हमें पर्यावरण की सुरक्षा और अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का संकल्प लेना चाहिए और आनंदा परिवार इसके लिये वचनबद्ध है। घर के आसपास पौधारोपण करें। इससे आप गरमी, भूक्षरण, धूल इत्यादि से बचाव तो कर ही सकते हैं, पक्षियों को बसेरा भी दे सकते हैं, फूल वाले पौधों से आप अनेक कीट-पतंगों को आश्रय व भोजन दे सकते हैं।
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