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HAPUR NEWS : सड़कों पर उतरा गुर्जर समाज, तहसील चौपला पर फूंका पुतला

HAPUR NEWS : सड़कों पर उतरा गुर्जर समाज, तहसील चौपला पर फूंका पुतला

सड़कों पर उतरा गुर्जर समाज, तहसील चौपला पर फूंका पुतला हापुड़ न्यूज संवाददाता जगदीश माकन हापुड़। गुर्जर समाज के लोगों ने स्वर्गीय राजेश पायलट पर अशोभनीय टिप्पणी के विरोध में शहर में जुलूस निकालकर, तहसील चौपला पर पुतला फुंका। इस दौरान करीब दस मिनट तक जाम की स्थिति बनी रही। प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली की राजस्थान भाजपा आईटी सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित मालवीय द्वारा पिछड़े समाज, किसानों व गरीबों के मसीहा व गुर्जर समाज के महापुरुष स्वर्गीय राजेश पायलट के संबंध में अशोभनीय टिप्पणी कर गुर्जर समाज की भावनाओं का आहत किया है। उन्होंने 48 घंटे के अंदर अमित मालवीय के खिलाफ कार्रवाई और पद से बर्खास्त करने की मांग उठाई है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि वह सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते और उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती तो देश का गुर्जर समाज बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। मालवीय की इस टिप्पणी पर पैदा हुआ विवाद यह सारा विवाद बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय की एक टिप्पणी से शुरू हुआ। मालवीय ने एक न्यूज चैनल के के वीडियो को सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफार्म पर शेयर करते हुए दावा किया कि जब राजेश पायलट भारतीय वायुसेना में थे तो उन्होंने 05 मार्च 1966 में मिजोरम पर बम गिराए थे। मालवीय ने अपनी इस पोस्ट में लिखा कि राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के विमान उड़ा रहे थे। उन्होंने 5 मार्च, 1966 को मिजोरम की राजधानी आइजोल पर बम गिराए थे। बाद में वे दोनों कांग्रेस सांसद और मंत्री बन गए। इंदिरा गांधी ने राजनीतिक अवसरों के माध्यम से उत्तर पूर्व में साथी नागरिकों पर हवाई हमले करने वालों को सम्मानित किया। सचिन पायलट ने दावे को किया खारिज अमित मालवीय की ओर से किए गए इस इस दावे के बाद सचिन पायलट ने पलटवार करते हुए तीखी प्रतिक्रिया जताई। मालवीय के दावे को खारिज करते हुए सचिन पायलट ने लिखा कि आपके पास गलत तारीखें और गलत तथ्य हैं। वायुसेना के पायलट के तौर पर मेरे पिता ने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पूर्वी पाकिस्तान पर बमबारी की थी। 1966 में मिजोरम मे नहीं। स्वर्गीय राजेश पायलट 29 अक्टूबर 1966 को भारतीय वायुसेना में कमीशन हुए थे। यह कहना कि उन्होंने 5 मार्च 1966 को मिजोरम में बमबारी की थी पूरी तरह काल्पनिक, तथ्यहीन और भ्रामक है। प्रमाणपत्र देख लीजिए। सचिन ने लिखा कि 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मेरे पिता ने मिजोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थायी शांति स्थापित करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका जरूर निभाई थी। मालवीय की टिप्पणी से गुर्जरों में नाराजगी अमित मालवी की ओर से की टिप्पणी के बाद राजस्थान में पायलट के समर्थक और गुर्जर समाज में नाराजगी लगातार दिखाई पड़ रही है। पायलट के समर्थकों की ओर से झूठी टिप्पणी के लिए अमित मालवीय से माफी मांगने को कहा जा रहा है गुर्जर समुदाय की नाराजगी भाजपा की मुश्किलें बढ़ाने वाली साबित हो सकती हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में भी गुर्जर समाज ने कांग्रेश के पक्ष में जमकर वोटिंग की थी फायदा कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री ने बनाए जाने के कारण गुर्जर समाज में कांग्रेस के प्रति काफी नाराजगी दिखाई पड़ रही थी और भाजपा इसी को भुनाने में जुटी हुई थी परंतु अब भाजपा नेता की टिप्पणी से गुर्जर समाज नाराज दिखाई पड़ रहा है। भाजपा की बड़ी मुश्किले राजस्थान के 12 जिलों में गुर्जर समाज का प्रभाव देखने को मिलता है वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने गुर्जर समाज के बारे में नेताओं को जहां प्रत्याशी बनाया था तो उनमें से सात गुर्जर समाज के प्रत्याशी जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे दूसरी और भाजपा ने गुर्जर समाज के जो लोगों को टिकट देकर अपना प्रत्याशी बनाया था जिनमें से कोई भी चुनाव जीतने में कामयाब नहीं हो सका था। बसपा ने भी गुर्जर समाज से जुड़ी जोगिंदर सिंह अवाना को चुनाव मैदान में उतारा था जो चुनाव जीतने में कामयाब तो रहे परंतु बाद में कांग्रेस में शामिल हो जाने के कारण कांग्रेस में गुर्जर समाज के आठ विधायक हो गए थे। भाजपा इस बार गुर्जर समाज को जहां साधने की कोशिश में जुटी हुई है वही अमित मालवीय की टिप्पणी ने एक बार फिर से पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी है माना जा रहा है कि अगर पार्टी नेता तो इस प्रकरण को मैनेज करने में कामयाब नहीं हुआ तो पार्टी को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इसके विरोध में गुर्जर समाज के लोगों ने अतरपुरा चौपला से तहसील चौपला तक जुलूस निकाला। पुतला फूंकने के साथ ही कुछ देर जाम भी लगाया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष नीरज गुर्जर, राजेंद्र प्रधान, हरीश, रविंद्र चौधरी, रवि भाटी, डॉ.अनिल मोरल, राजवीर सिंह भाटी, जगवीर चेयरमैन, जीत सिंह मोरल, धीरज, महेश चंद, अंकित, मोहित नागर, कपिल मावी, अमित, अंकुर, पवन, बब्लू, मोहित, संजय गहलौत, रविंद्र बंसल, दीपक, राहुल आदि मौजूद रहे।

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