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HAPUR NEWS : ब्रज की लठ मार होली के बाद मथुरा में जूता मार मनाई जाती हैं होली, वर्षो पुरानी रही है परंपरा*

HAPUR NEWS : ब्रज की लठ मार होली के बाद मथुरा में जूता मार मनाई जाती हैं होली, वर्षो पुरानी रही है परंपरा*

*ब्रज की लठ मार होली के बाद मथुरा में जूता मार मनाई जाती हैं होली, वर्षो पुरानी रही है परंपरा*
हापुड़ न्यूज़ ब्यूरो भानुप्रकाश शर्मा
मथुरा ।  प्राचीन ग्रंथो में लिखा है, मथुरा तीन लोक से न्यारी, मथुरा तीन लोक को भारी, मथुरा की हर बात निराली ब्रज में होली का खुमार वसंत पंचमी से प्रारंभ होकर पूरे चालीस दिन चलता है हर तरह की होली का आनंद लोग मानते हैं दूर दूर से श्रद्धालु होली खेलने यहां खिंचे चले आते हैं, इसी मथुरा जनपद में एक पुरानी प्रथा भी चली आ रही है। मथुरा के सौंख क्षेत्र के गांव बछगांव में जूता-चप्पल मार होली खेली जाती है। यह होली अंग्रेजों द्वारा किए गए जुल्म के विरोध में शुरू हुई थी। इसमें लोग अपने से छोटे को चप्पल और जूता मारकर आशीर्वाद देते हैं। उसे सकारात्मक विचारों के साथ सही राह दिखाने के लिए प्रेरित करते हैं। इसी परपंरा को आगे बढ़ते सोमवार को धूलेड़ी के दिन गांव में जूता-चप्पल मार होली खेली गई।फाल्गुन माह आते ही बृज में होली महोत्सव, होलिका दहन, हुरंगा जैसे कार्यक्रम आयोजित होने लगते है। बृज में कही आपने रंगों की होली, लठ्ठमार होली, कपड़ा फाड़ होली, कीचड़ होली मनाते सुना होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि एक जगह ऐसी भी हैं। जहां एक दूसरे को गुलाल लगाकर जूता-चप्पल मार होली भी खेली जाती है। सुनकर आपको थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन ब्रज की इस अनोखी होली का एक अपना ही अगल अंदाज है, खुटैलपट्टी के गांव बछगांव के लोग अपने से कम उम्र के लोगो को गुलाल लगाकर एक दूसरे के सिर पर जूता चप्पल मार कर होली की शुभकामनाए और आशीर्वाद देते है। ये परंपरा सदियों से चली आ रही है। गोवर्धन तहसील के गांव बछगांव में विगत सैकड़ों वर्षो से जूता-चप्पल मारकर होली मनाने की पंरपरा है। इस होली में एक खास बात ये भी कि अपने छोटे लोगों को जूता-चप्पल मारकर होली के अवसर पर देश में अंग्रेजों द्वारा किए देशवासियों पर जुल्म के विरोध में खेली जाती है। सकारात्मक विचारों और सही दिशा के लिए अग्रसर होने के लिए जागरूक करते है। इसके बाद बुजुर्ग होली, बृजगीत, रसिया समेत अन्य प्रकार की गीतों के सहारे भजन कीर्तन करते है। इस प्रकार बृज में बछगांव में होली की अद्भूत परपंरा है। अभी तक आपने फूल की होली लट्ठमार होली या फिर अलग-अलग अंदाज में मनाई जाने वाली होली देखी या सुनी होगी। लेकिन, आज हम आपको अनोखी होली के बारे में बताने जा रहे है।ऐसी होली आपने देश तो क्या पूरी दुनिया में नहीं देखी होगी। गोवर्धन के गांव बछगांव है। जहां जूता चप्पल मार होली खेली जाती है। यहां की होली को शांतिपूर्ण तरीके से पर्व के रूप में मनाया जाता है। गांव के सभी लोगो को बुलाया जाता है उम्र के बरावर के लोगो द्वारा एक दूसरे गुलाल लगाकर जूते चप्पल मारकर शुभकामनाऐं दी जाती है। 
गांव में जूता-चप्पल मार होली  खेलने की परपंरा 100-150 वर्ष पुराना है। जूते मार होली अंग्रेजों द्वारा किए गए जुल्म का विरोध चप्पल मार होली खेली  गई। धूलेंडी के दिन सुबह से शाम तक सभी लोग इसी प्रकार होली खेलते है। इसके बाद बुजुर्गो द्वारा फाल्गुन के रसियों पर थिरकते नजर आते है।

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