HAPUR NEWS : फूलों की होली, छप्पन भोग, हरिनाम संकीर्तन एवं महाभिषेक रहा आकर्षण का केन्द्र
श्रीकृष्ण प्रेम प्रदान करने हेतु अवतरित हुए श्रीचैतन्य महाप्रभु: चंचलापति दास*
*फूलों की होली, छप्पन भोग, हरिनाम संकीर्तन एवं महाभिषेक रहा आकर्षण का केन्द्र*
*चंद्रोदय मंदिर में महाभिषेक के दर्शन के लिए उमड़ा जन सैलाब।*
*हापुड़ न्यूज़ संवाददाता/ रविकान्त*
मथुरा । ब्रजमंडल की विश्व प्रसिद्ध होली महोत्सव के मध्य फाल्गुन मास पूर्णिमा (गौर पूर्णिमा) को गौड़िया वैष्णव सम्प्रदाय के प्रवर्तक, श्रीधाम वृन्दावन के प्राकट्यकर्ता चैतन्य महाप्रभु के अवतरण दिवस के रूप में मनाया गया। भक्ति वेदांत स्वामी मार्ग स्थित वृन्दावन चंद्रोदय मंदिर में गौरांग महाप्रभु की 539वीं जयंती पर मंदिर प्रांगण में फूल बंगला, छप्पन भोग, पालकी उत्सव, महाभिषेक, हरिनाम संकीर्तन एवं फूलों की होली का भव्य आयोजन किया गया।
भक्तों को सम्बोधित करते हुए चंद्रोदय मंदिर के अध्यक्ष श्री चंचलापति दास ने कहा कि श्री चैतन्य महाप्रभु का अवतरण भगवान द्वारा पूर्व में लिए गए अवतार मत्स्य, वराह, वामन, नरसिंह, राम एवं कृष्ण से भिन्न एवं अद्वितीय है। इससे पूर्व भगवान का न ऐसा अवतरण हुआ है न होगा। चैतन्य महाप्रभु का अवतरण वह देने के लिए हुआ है। जो पूर्व में भगवान द्वारा लिए गए लीला और अंश अवतारों द्वारा भक्तों को प्रदान नहीं किया गया। महाप्रभु करूणा के सागर हैं वह हमें कलिकाल में नाम रूप प्रदान करने के लिए अवतरित हुए। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि कलियुग में सभी मानव पतन की ओर अग्रसर होंगे। इसके प्रभाव से मानव के सतगुणों का हरण होगा। इसलिए चैतन्य महाप्रभु हमें स्वभक्ति, स्वकृपा अर्थात् महामंत्र के रूप में कृष्ण प्रेम प्रदान करने के लिए इस धरा धाम में अवतरित हुए।
चंद्रोदय मंदिर के नवीन प्रागंण में आयोजित गौर पूर्णीमा महामहोत्सव के दौरान भक्ति से भाव विभोर होकर भक्त अपने आराध्य को निरंतर निहारते रहे। इस कार्यक्रम में मथुरा, आगरा, लखनऊ, दिल्ली, गुरूग्राम, जयपुर, हरियाणा एवं मध्यप्रदेश के अन्य जिलों भक्तगण परिकर उपस्थित हुए।
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